
जैसा कि हमें विदित है पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है "परि+आवरण" जिसमें 'परि' का अर्थ हमारे आस-पास से है, और 'आवरण' जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। सभी प्रकार के प्राकृतिक तत्व जो जीवन को संभव बनाते हैं जैसे- पानी, हवा, भूमि, प्रकाश, आग, जल, जानवर, पेड़-पौधे इत्यादि सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है तथा जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए ही पर्यावरण है।
वर्तमान समय में अगर देखा जाए तो पर्यावरण है तो हम हैं। जिस तरह मनुष्य औद्योगिकीकरण के विकास , तकनीकी संसाधनों को विकसित करने के प्रयास में निरंतर आगे बढ़ रहा है उससे कहीं न कहीं पर्यावरण अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो रहा है, और वर्तमान स्थिति को थोड़ा सा ध्यान से देखें तो इस समय कोरोना महामारी के चलते हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसमें सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन की भी है । वह सारी चीजें कहीं ना कहीं शुद्ध पर्यावरण पर निर्भर करती हैं। इसीलिए हर साल की तरह संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा इस साल भी "विश्व पर्यावरण दिवस" के लिए थीम जो रखी गई है वह है "पारिस्थितिकी तंत्र बहाली" पारिस्थितिकी तंत्र बहाली कई रूपों में हो सकती है। जैसे- पेड़ों को लगाना, शहर को हरा-भरा करना, बगीचों को लगाना, नदियों और नालों की सफाई करना, और भी बहुत सारी चीजें शामिल है हर किसी को इस दिन पर्यावरण की बहाली का संकल्प लेना चाहिए और पर्यावरण को खुद से जोड़ कर देखना चाहिए। ताकि उसे स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयास होता रहे ।
वर्तमान परिदृश्य में पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए हमें विशेष दिवस को मनाने की कहीं-ना- कहीं आवश्यकता मनुष्य द्वारा किए जा रहे निजी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण को अत्यंत घातक क्षति पहुंचाने के कारण हुई है। यदि मनुष्य समय रहते नहीं चेत पाया कि वह जिन निजी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्रकृति का अप्राकृतिक तरीके से दोहन कर रहा है, उसका दुष्प्रभाव आने वाली समस्त पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। विश्व स्तर पर नीति निर्माण के बुद्धिजीवियों, पर्यावरण प्रेमियों एवं पर्यावरण को शिरोधार्य समझने वाले समस्त विद्य्य जनों के सहयोग से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि यह याद दिलाता रहे कि समस्त प्राणियों की अस्मिता केवल पर्यावरण एवं प्रकृति से ही आगे संभव है ।
प्रशंसनीय ज्ञानात्मक आलेख..👌👍👍👍
Dhanyavad.
पर्यावरण के प्रति हमें जागरूक होना आवश्यक है और आपका यह लेख उसी जागरूकता अभियान का प्रारंभिक कदम है..हमारे समाज को ऐसे ही अपनी लेखनी के माध्यम से आगे भी प्रेरित करते रहें…
Dhanyavad.
Great work keep it up
Great work